
चमोली,11 नवंबर 2024
सीमांत जनपद चमोली की है जहां भोटिया पड़ाव बेडूबगड़ में प्रथम जनजातीय समागम का आयोजन किया गया।। अपनी विरासत को संजोए रखने के उद्देश्य से आयोजित इस जनजातीय समागम में सीमांत क्षेत्र में रहने वाले भोटिया जनजाति के लोगों ने प्रतिभाग किया। इस अवसर पर नीति घाटी के विभिन्न महिला दलों के द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। अपनी सांस्कृतिक विरासत को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से आयोजित समागम में सैकड़ो की संख्या में लोग पहुंचे थे। वही लोग गायक किशन महिपाल द्वारा जोरदार प्रस्तुति देकर लोगों को झूमने में मजबूर कर दिया। लोकगायक किशन महिपाल ने कहा कि इस तरह का आयोजन अपनी सांस्कृतिक धरोहर को संयुक्त रखने के लिए आवश्यक है समय-समय पर इस तरह के समागम होने चाहिए ताकि नई पीढ़ी अपने अस्तित्व को समझ सके और अपनी सांस्कृतिक, रीति रिवाज, बोली भाषा को भलीभांति जान सकेl
वहीं जनजाति के लोगों द्वारा शीतकालीन प्रवासियों को भूमि नाम करने की मांग उठाई गई। उन्होंने बताया कि यदि प्रशासन शीतकालीन प्रवासियों को भूमि उनके नाम नहीं करती है तो शीतकालीन प्रवास के ग्रामीण उग्र आंदोलन भी करेंगे।
शीतकालीन प्रवासों के लिए मुख्यमंत्री द्वारा वर्ष 2022 में घोषणा हो चुकी है। बावजूद अभी तक शीतकालीन प्रवासीय ग्रामीणों की भूमि उनके नाम नहीं हुई है, जिसका जनजाति के लोगों ने विरोध किया है।जनजातीय समागम कार्यक्रम में शीतकालीन प्रवासियों की भूमि के नामकरण की मांग को प्रमुखता से उठाया गया। इस मुद्दे पर जनजाति के लोगों ने एकजुटता दिखाई और प्रशासन से जल्द निर्णय लेने की मांग की।