उत्तराखंडचमोली

बदरीनाथ धाम के कपाट 17 नवंबर को रात्रि 9 बजकर 07 मिनट पर बंद होंगे।

उत्तराखंड, 12 अक्टूबर 2024

श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि आज विजय दशमी/ दशहरे के अवसर पर श्री बदरीनाथ धाम  मंदिर परिसर में पंचाग गणना पश्चात समारोहपूर्वक तय की गयी। कपाट बंद होने की तिथि तय करने हेतु दोपहर साढ़े ग्यारह बजे से कार्यक्रम शुरू हो गया था।

समारोह में सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु एवं तीर्थयात्री भी मौजूद रहे‌।

श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि घोषित होने के कार्यक्रम विजय दशमी के अवसर पर श्री बदरीनाथ -केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) अध्यक्ष अजेंद्र अजय  ने  अपने संदेश में तीर्थयात्रियों को शुभकामनाएं  दी है। यात्रा से जुड़े सभी  विभागों,संस्थाओं, संगठनों सभी का आभार जताया।

कहा कि  इस यात्रा वर्ष श्री बदरीनाथ -केदारनाथ यात्रा  सरल सुगम रही  अभी यात्रातथा  यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन तथा प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कुशल नेतृत्व में चारधाम  यात्रा में बड़ी संख्या में तीर्थयात्री दर्शन को पहुंचे। सरकार एवं मंदिर समिति के प्रयासों से सभी यात्री सुविधाएं मुहैया हुई है।

बदरीनाथ धाम से मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल ने बताया है कि अभी तक  11 लाख से अधिक तीर्थयात्री श्री बदरीनाथ धाम पहुंचे है तथा साढे 13 लाख से अधिक तीर्थयात्री श्री केदारनाथ धाम दर्शन को पहुंचे।

इस तरह  साढ़े 24 लाख तीर्थयात्रियों ने श्री बदरीनाथ -केदारनाथ के दर्शन कर लिए है एवं साढ़े अड़तीस लाख तीर्थयात्री चारधाम यात्रा पर पहुंच गये है।

श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि घोषित होने के कार्यक्रम विजय दशमी के अवसर पर रावल अमरनाथ नंबूदरी,  बीकेटीसी उपाध्यक्ष किशोर पंवार एवं सदस्यगण,  मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल,प्रभारी अधिकारी विपिन तिवारी एवं बामणी, पांडुकेश्वर एवं माणा  के हक-हकूकधारियों  एवं तीर्थ पुरोहितों की उपस्थिति में धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल, वेदपाठी रविंद्र भट्ट पंचांग गणना के अनुसार कपाट बंद होने की तिथि तय की।

कपाट बंद होने से पहले होने वाली   पंच पूजाओं के अंतर्गत सोमवार 13 नवंबर को पहले दिन श्री गणेश जी की पूजा तथा शायं को गणेश जी के कपाट बंद होंगे। 14 नवंबर को आदि केदारेश्वर मंदिर के कपाट बंद होंगे, 15 नवंबर को खड़क पुस्तक वाचन तथा वेद ऋचाओं का वाचन बंद हो जायेगा, शनिवार 16 नवंबर को माता लक्ष्मी जी को  कढ़ाई भोग लगाया जायेगा।

 

तथा  17 नवंबर  शाम सात बजे  बाद कपाट बंद होने की प्रक्रिया शुरू हो जायेगी।  रावल जी स्त्री रूप धारण कर माता लक्ष्मी को परिसर स्थित मंदिर से श्री बदरीनाथ मंदिर के गर्भगृह में विराजमान करेंगे।

इससे पहले श्री उद्धव‌ जी एवं कुबेर जी मंदिर गर्भगृह से बाहर परिसर में आयेंगे। इसी के साथ रात्रि 9 बजकर 07 मिनट पर श्री बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल हेतु बंद हो जायेंगे।

इसी दिन साथ ही श्री कुबेर जी रात्रि प्रवास हेतु बामणी गांव प्रवास  हेतु पहुंचेंगे तथा श्री उद्धव जी रावल निवास आ जायेंगे

 

बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा हरीश गौड़ ने बताया कि देव डोलियों के शीतकालीन पूजा स्थल प्रस्थान के तहत  सोमवार 18 नवंबर को श्री उद्धव जी, श्री कुबेर जी सहित रावल अमरनाथ नंबूदरी तथा आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी रात्रि प्रवास हेतु योग बदरी पांडुकेश्वर पहुंचेंगे।

श्री उद्धव जी एवं श्री कुबेर जी शीतकाल में पांडुकेश्वर प्रवास करेंगे जबकि आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी 19 नवंबर मंगलवार को श्री नृसिंह मंदिर परिसर में विराजमान हो जायेगी।

 

 

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